70 साल बाद भारत की धरती पर चीतों की वापसी हुई है.
भारत में कभी चीतों का घर रहे है आजादी के वक्त से चीते पुरे तरह विलुप्त हो गए थे
75 साल बाद नामीबिया आठ चीतों को आज मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पहुंचाया गया है
1947 में देश के आखिरी तीन चीतों का शिकार मध्य प्रदेश के कोरिया रियासत
के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने किया था
चीते की अधिकतम रफ्तार 120 किमी प्रति घंटे की हो सकती है
चीता अपनी फुल स्पीड से सिर्फ 450 मीटर दूर तक ही दौड़ सकता है
चीते की आंख सीधी दिशा में होती है। इसकी वजह से वह कई मील दूर तक आसानी से देख सकता है
चीता एक मिनट तक ही वह अपने शिकार का पीछा करता है, इस दौरान वो उसे नहीं मार पाता तो उसका पीछा करना छोड़ देता है
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